तेरे शहर के गैंगस्टर अपुन को सलाम ठोकते हैं
अपना रुतबा ही इतना दिलनशी है..!!
मौज मस्ती अपना काम है जो इसे आवारगी
समझे उसे दूर से ही राम-राम है..!!
बदमाशी दिखाने में हम एकदम व्यस्त है
तभी तो बदमाशी अपनी जबरदस्त है..!!
बेटा उलझने की सोचना भी नहीं
एक कान पे मारूंगा दूसरे से
खून की पिचकारी निकलेगी..!!
किसी से जलना हमारी आदत नहीं
हम खुद की काबिलियत से
लोगो को जलाते है..!!
गुरुर दिखाने की कोशिश मत करना
क्युकी हम जानते है
इसे तोडा कैसे जाता है..!!
घाटे का सौदा हम करते नहीं
जो सबपे मरे उसपे हम मरते नहीं..!!
खतरों से खेलना आदत है पुरानी
पर तू अभी बच्चा है
बचा के रख अपनी जवानी..!!
बदमाशी दिखाई तो उठा लेंगे घर से
हमारी शख्शियत से तुम वाकिफ ही कहां हों..!!
ऐसी कोई जगह नहीं जहाँ मेरा खौफ नहीं
भीड़ा वही है मुझसे
जिसे अपनी लाइफ जीना का शौक नहीं..!!
खेलना और खिलाना दोनों आता है
इसलिए खेल जरा सोच समझ के
खेलना मेरे साथ..!!
अपनी हड्डिया बचा के रखनी है
तो मेर से बच के रहना बेटा..!!